तुमको ढेरो बधाई

जिंदगी चलती है,औरचलनी भी चाहिएतेरी चलती है गरतो मेरी भी चलनी चाहिए हां,जख्म तो गहरे दिए है तूनेऔर ठोकरें भी बड़ी उम्दा लगाईंइधर हलक पर जान अटकी रहीऔर उधर तुम …

Read more

न कोई इंतजाम होगा

na koi intejam hoga

इस जहां के पार भी तो जरूर कोई संसार होगाजहाँ तफ्सील से मयस्सर जज्बातों का कारोबार होगा संजीदगी तो होगी ख्यालों मेंपर न कोई वहां इक दूजे का बरखुरदार होगा …

Read more

काश ये लम्हे थम जाते

kash-ye-lamhe-tham-jate

काश ये लम्हे थम जाते अगर बावड़ियों और तालाबों में ठहरे पानी की तरह तो समेट लेते जिंदगी के उन अनमोल पलों को, जिंदगी के उन यादगार पहलुओं को और भर लेते उनको अपने आगोश में जैसे इक मां भर लेती है किसी शिशु को अपने आगोश में । तब मानो बसंत भी झूम उठता शस्य श्यामला धरती के हरे भरे आंचल में खुद को पाकर और सावन के झूलों की पींगो की खुशी का तब मानो कोई ठिकाना ही न होता और पींगे भरते ही चला जाता वो इतना ही नहीं तब पक्षियों के कलरव का वह स्वर्णिम गुंजन कूक कोकिला को भी सोचने पर मजबूर कर देता और वसुंधरा के कर्ण पटल पर मिश्री जैसी मिठास घोलता ही चला जाता वो , सूर्योदय की अद्भुत–विहंगम निराली छटा नैनो में बसी की बसी रह जाती मानो तब ,मन के अथाह सागर में जल की कलकल करती हिलोरें मारती लहरें अजीब सी शीतलता दे जाती तब , पूरा का पूरा मानस क्षितिज तब सप्तरंगी प्रकाश से सराबोर हो जाता
सारे के सारे मयूर फिर केवल नृत्य कला का प्रदर्शन करते हुए रास रंग में डूब जाते और तब शायद समेट पाते अपने सभी अजीजों के साथ गुजारें उन स्वर्णिम पलों को और तब शायद मन में न रह जाती कोई टीस,लेकिन अफसोस वक्त नहीं ठहरता,वक्त नहीं ठहरता,शायद ठहर जाए,शायद ठहर जाए,कोई तो बताए,कोई तो बताए?

Dr. Vaibhav😔

अब तो डर लगता है

अब तो डर लगता हैअनजानी डगरों पर चलने से डर लगता हैशय और मात का खेल है जिंदगीइसको जीने से डर लगता है रिश्तों की बुनावट बुनने में अरसे बीत …

Read more

चलो मन के खिलाफ थोड़ा काम करते हैं

चलो आज खुद पर इक एहसान करते हैंकि जरा, मन के खिलाफ थोड़ा काम करते हैं मन तो भरता ही रहता है नित नए कुलांचेचलो इस पर जरा आज इक …

Read more

क्या परेशानियाँ हैं

sabki apni pareshani hai

सबकी अपनी कहानियां हैंकहीं बेबसी ,तो कहीं मुफलिसी में बीतती जिंदगानियां हैंपर सबकी अपनी कहानियां हैं मुखौटों में बसते हों जब कई कई आड़े तिरछे मुखौटेहां,आखिरउनमें ही तो दफन फिरसबकी …

Read more

सपनों का हदों में बने रहना भी है जरूरी

सपनों का हदों में बने रहना भी तो है जरा जरूरीबंद सलाखों में जकड़े रहना उनकोभले फिर खुद की कितनी भी हो क्यों ना मजबूरी दुखती रग भी दुखने लग …

Read more

उदासीनता/तटस्थता

इस संसार में सब कुछ क्षणिक है:तथाकथित आनंद भी क्षणिक,उत्साह भी क्षणिक और तो और निराशा हताशा और विषाद भी क्षणिक । आकर्षण भी क्षणिक, विद्वेष भी क्षणिक और दौड़ता …

Read more

जीवन प्रवाह

सब जीवन प्रवाह में हो गए हो जब इस कदर मशगूलकि विस्मृत कर डाला हो उन्होंने अन्य की जीवन धारा है अभी निरा प्रतिकूल मैथिली की पशु प्रवृत्ति भी जब …

Read more

शायद मै रोबोट बन गया हूँ

शायद मैं रोबोट बन गया हूँ?बातों, जज़्बातों,वादों,इरादों और खयाली मुलाकातों से उन्मुक्त बन गया हूँ?तो फिरकोई तो बताये?क्या मैं रोबोट बन गया हूँ? मशीनी मिज़ाज़,मशीनी एहसासऔर खचपच करते कलपुर्जों सा …

Read more

जिंदगी

एहसास भी है ज़िन्दगीअटूट उच्छवास (गहरी साँस)भी है जिंदगीज़रा सी नज़र जो चूकीतो पानी मे फिसले पांव सी है जिंदगी आशा भी है जिंदगीअभिलाषा भी है जिंदगीगर बालुओं से जो …

Read more

अपना पिंकू(काल्पनिक)

पिंकू अब बड़ा हो गया हैआड़े तिरछे परिधानों को पहनने के तरीकों से रूबरू हो गया है हाँ, और क्यासूटेड- बूटेड लबादों को ओढ़करकाले पीले चश्मों से नाता जोड़करबटुए में …

Read more

ख्वाबों का दामन थामें रखना भी ज़रूरी है

ख्वाबों का दामन थामें रखना भी ज़रूरी हैपांवों को ज़मीं पर टिकाये रखना भी ज़रूरी हैकब टूट जाए कौन सा तारा,क्या पता?इसलिए आसमान पर नज़र बनाये रखना भी ज़रूरी है …

Read more

जरा मुश्किल है..

‘न’ कह पाना भी ज़रा मुश्किल हैरज़ामंदी जता पाना भी बड़ा मुश्किल है गर एहसासों से भरा हो अरमानों का सफरतो फिर साँसों का संभल पाना भी ज़रा मुश्किल है …

Read more

कदमताल नही कर पा रहा हूँ शायद

कदमताल नही कर पा रहा हूँ शायदलड़खड़ाता ही जा रहा हूँ शायद दुनिया की दिखावटी रवायतों मेंखुद को अकेला पा रहा हूँ शायद मन कभी उदास भी तो हो सकता …

Read more