अब तो डर लगता है
अब तो डर लगता हैअनजानी डगरों पर चलने से डर लगता हैशय और मात का खेल है जिंदगीइसको जीने से डर लगता है रिश्तों की बुनावट बुनने में अरसे बीत …
It's Like Mind Game
अब तो डर लगता हैअनजानी डगरों पर चलने से डर लगता हैशय और मात का खेल है जिंदगीइसको जीने से डर लगता है रिश्तों की बुनावट बुनने में अरसे बीत …
चलो आज खुद पर इक एहसान करते हैंकि जरा, मन के खिलाफ थोड़ा काम करते हैं मन तो भरता ही रहता है नित नए कुलांचेचलो इस पर जरा आज इक …
सबकी अपनी कहानियां हैंकहीं बेबसी ,तो कहीं मुफलिसी में बीतती जिंदगानियां हैंपर सबकी अपनी कहानियां हैं मुखौटों में बसते हों जब कई कई आड़े तिरछे मुखौटेहां,आखिरउनमें ही तो दफन फिरसबकी …
सपनों का हदों में बने रहना भी तो है जरा जरूरीबंद सलाखों में जकड़े रहना उनकोभले फिर खुद की कितनी भी हो क्यों ना मजबूरी दुखती रग भी दुखने लग …
इस संसार में सब कुछ क्षणिक है:तथाकथित आनंद भी क्षणिक,उत्साह भी क्षणिक और तो और निराशा हताशा और विषाद भी क्षणिक । आकर्षण भी क्षणिक, विद्वेष भी क्षणिक और दौड़ता …
सब जीवन प्रवाह में हो गए हो जब इस कदर मशगूलकि विस्मृत कर डाला हो उन्होंने अन्य की जीवन धारा है अभी निरा प्रतिकूल मैथिली की पशु प्रवृत्ति भी जब …
शायद मैं रोबोट बन गया हूँ?बातों, जज़्बातों,वादों,इरादों और खयाली मुलाकातों से उन्मुक्त बन गया हूँ?तो फिरकोई तो बताये?क्या मैं रोबोट बन गया हूँ? मशीनी मिज़ाज़,मशीनी एहसासऔर खचपच करते कलपुर्जों सा …
पिंकू अब बड़ा हो गया हैआड़े तिरछे परिधानों को पहनने के तरीकों से रूबरू हो गया है हाँ, और क्यासूटेड- बूटेड लबादों को ओढ़करकाले पीले चश्मों से नाता जोड़करबटुए में …
ख्वाबों का दामन थामें रखना भी ज़रूरी हैपांवों को ज़मीं पर टिकाये रखना भी ज़रूरी हैकब टूट जाए कौन सा तारा,क्या पता?इसलिए आसमान पर नज़र बनाये रखना भी ज़रूरी है …
‘न’ कह पाना भी ज़रा मुश्किल हैरज़ामंदी जता पाना भी बड़ा मुश्किल है गर एहसासों से भरा हो अरमानों का सफरतो फिर साँसों का संभल पाना भी ज़रा मुश्किल है …
कदमताल नही कर पा रहा हूँ शायदलड़खड़ाता ही जा रहा हूँ शायद दुनिया की दिखावटी रवायतों मेंखुद को अकेला पा रहा हूँ शायद मन कभी उदास भी तो हो सकता …