जिंदगी चलती है,और
चलनी भी चाहिए
तेरी चलती है गर
तो मेरी भी चलनी चाहिए
हां,जख्म तो गहरे दिए है तूने
और ठोकरें भी बड़ी उम्दा लगाईं
इधर हलक पर जान अटकी रही
और उधर तुम दुनिया को देते रहे बधाई
सबक तो माकूल दिया है तुमने
और जज्बातों की चाशनी में डुबोकर
मदिरा भी नशीली पिलाई
पर अफसोस तो ये रहेगा , कि
अठखेलियां करती जीवन नौका पर चढ़कर
चोट बड़ी पहुंचाई
चोट बड़ी पहुंचाई
ऐतबार तो किया था इस कदर
कि सांसों की माला भी लगने लगी पराई
पर तुम तो निकले एहसासों के सौदागर
जिसने टेसुओं की भी बोली लगाई
टेसुओं की भी बोली लगाई
सुना था,यादों की तासीर गरम होती है अक्सर
पर तुम तो ठंडी हवा के झोंके में ही लेते रहे अंगड़ाई
और अब बात जब जान पर बन आई
तो तुमने
सुबकते हुए राही की ही दे दी दुहाई
और मंझधार में लाकर
बात सभी झुठलाई
बात सभी झुठलाई
पलकों सा नाजुक समझा था तुमको
पर तुमने तो फौलादी नियत दिखाई
और जज्बातों के बेड़े पर चढ़कर
खूब हंसी उड़ाई
खूब हंसी उड़ाई
आंखें डबडबाती रहीं और जब
गला रूंध सा गया
तो एहसासों के उफनते सागर में तुमने
डुबकी गहरी लगाई
डुबकी गहरी लगाई
पर शिकायत नही कोई ए किस्मत
बस जुस्तजू इतनी सी है
कि कारवां जब करीब है उसका मंजिल की ओर
तो बनाए रखना तुम अपनी
रहमतों की खुदाई
रहमतों की खुदाई
साभार
डॉ. वैभव की कलम से🙏🙏🤐
Reference : https://m.facebook.com/story.php?story_fbid=pfbid02jZP9M21x46u6nfhLmW4jJvWsGTLcTXDHU72hDRDSjSG8DFUuKZ9sBye28LFWA4s7l&id=100013897126228&sfnsn=wiwspwa&mibextid=VhDh1V