शायद मै रोबोट बन गया हूँ

शायद मैं रोबोट बन गया हूँ?
बातों, जज़्बातों,वादों,इरादों और खयाली मुलाकातों से उन्मुक्त बन गया हूँ?तो फिर
कोई तो बताये?
क्या मैं रोबोट बन गया हूँ?

मशीनी मिज़ाज़,मशीनी एहसास
और खचपच करते कलपुर्जों सा अंदाज़,तो फिर
कोई तो बताये ?
क्या मैं रोबोट बन गया हूँ?

कॉमा,पॉज,रिवाइंड,फॉरवर्ड के फीचर्स से युक्त
नए जमाने का हाईटेक किचेन बन गया हूँ?तो फिर
कोई तो बताये?
क्या मैं रोबोट बन गया हूँ?

गिले, शिकवे,एहसास ,जज़्बात
ये तो सब इंसानी हुनर लगते हैं
मेरा भला इनसे क्या वास्ता?
क्योंकि मैं तो दरख़्त के टुकड़ों से बने ताबूत के साये में
ठोकी हुई कील सा बन गया हूँ,तो फिर
क्या मैं रोबोट बन गया हूँ?

जज़्बातों से न पसीज पाने का इंस्टॉल जो कर दिया गया हो सॉफ्टवेयर
जिसका कभी भी न होता हो फेल सर्वर
और दूर दूर तक जिस पर न कर पाए अटैक कोई मालवेयर(वायरस)
इसीलिये शायद मैं रोबोट बन गया हूँ,तो फिर कोई तो बताये
कि क्या मैं रोबोट बन गया हूँ?

रिमोट के बटन से चलने वाला ऊषा फ़ोन का वैरिएंट हो गया हूँ
क्या मैं रोबोट बन गया हूँ?

लेकिन लगता है शायद
सेंसर भी फिट कर दिया है किसी ने गलती से
इसलिए थोड़ा सेंसिटिव भी हो गया हूँ
थोड़ा सेंसिटिव भी हो गया हूँ
केवल रोबोट नही रह गया हूँ
केवल रोबोट नही रह गया हूँ

Regards
Dr. Vaibhav

Resource: https://m.facebook.com/story.php?story_fbid=1478103279329562&id=100013897126228

Leave a comment